लोग बुरे हो जाते है

0
देश के हर गली में रोज़ एक दासता लिखते चल छोड़ ये दुनिया एक साथ रहते है ,

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)