हाल ही में सरकार ने कश्मीरी पंडितों की क़ब्ज़ा की गई अचल संपत्तियों पर उन्हें दोबारा अधिकार देने की कवायद शुरू की थी. अब तक ऐसे लगभग 1,000 मामलों का निपटारा करते हुए संपत्ति को वापस उनके असली मालिक के हवाले कर दिया गया.
हाल ही में जम्मू और कश्मीर सरकार ने एक पोर्टल शुरू किया है. इसमें घाटी से पलायन कर गए कश्मीरी पंडितों को उनकी संपत्ति वापस दिलाने की प्रक्रिया 'ऑनलाइन' शुरू की गई है. वो कहते हैं कि इस पोर्टल का विज्ञापन के ज़रिए भी काफी प्रचार-प्रसार किया गया है.
पोर्टल का जिस दिन जम्मू और कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने औपचारिक उद्घाटन किया, उसी दिन उनके कार्यालय ने बताया कि घाटी से लगभग 60 हज़ार कश्मीरी हिन्दुओं या पंडितों का पलायन हुआ था.
इसमें से 44 हज़ार परिवारों ने राज्य के राहत और पुनर्वास आयुक्त के समक्ष अपना पंजीकरण कराया था.
बयान में बताया गया कि इन 44 हज़ार परिवारों में 40,142 परिवार हिंदू, जबकि 1,730 सिख और 2,684 मुसलमान परिवार शामिल हैं
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के संजय टिक्कू ने बीबीसी से फ़ोन पर बात करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों की अचल संपत्ति को क़ब्ज़े से छुड़ाने की प्रक्रिया हाल ही में शुरू की गई है.