आखिर रेलवे साधू संतो से इतना जलता क्यों है भाजपा साधुओ को धोखा क्यों दे रहा ? Why is the railway so envious of saints, why is the BJP deceiving the saints?

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रेलवे ने साधुओ को खून की आंसू रुलाने का मन बना रखा है आखिर क्या है कारन जो रेलवे और भाजपा ने मिलकर साधुओ को ठगा उन्हें अपने रेलवे में सफ़र करने के दौरान तमाम परेशानिया दी 

रेलवे


रेलवे एक ऐसा सफर का दोस्त जिसपे लाखो लोग प्रति दिन एक स्थान से दूसरे स्थान को जाते है गरीबो के लिए सबसे बेहतर सफर की उम्मीद की जाये तो रेलवे से बेहतर कोई नहीं हो सकता है ! पूरा परिवार हो या अकेले का सफर चाँद घंटो में आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक आपको पहुंचता है रेलवे | 

Indian-Railway


कुछ वर्षो में रेलवे में जिस प्रकार का विकास देखने को मिला है वो अध्भुत है साफ सुथरे प्लेटफॉर्म साफ सुथरे ट्रेन के डिब्बे हाई स्पीड ट्रेन सेमि हाई स्पीड ट्रेन से लेकर आज वनडे भारत की चर्चा विदेशो में भी की जा रही है | 



लेकिन रेलवे में एक पहलु ऐसा भी है जहाँ लोग परेशान दिख रहे है साधु संत ट्रेनों में सफर करने पर काफी परेशान होते है  चाहे शाकाहारी लोग भी ट्रेनों में चलने में खुदको परेशान महसूस करते है इसका कारण स्टेशनों पे हर दुकान पे चाहे छोटा हो या बड़ा वहां आपको अंडे का स्टाल दिखेगा और साधु संत ऐसे दुकान से कुछ भी ले पाने में असमर्थ होते है शाकाहारी लोग भी ऐसे में खुदको परेशान महसूस करते है !

पानी के लिए नलो की व्यबस्था न होना 

रेलवे ने जिस प्रकार से प्लेटफॉर्म से नलों टोटीइयो में कमी की जिससे गरीब हो चाहे अमीर वह दुकान से 20 रुपए के पानी बोतल खरीदने को मजबूर हो गए अब समस्या संतो के लिए यहाँ भी है नल न होने के कारन वह प्यासे रह जाते है क्योकि अंडे वाले दुकान से भला वह पानी कैसे ले असुद्ध होने के कारन वह ले नहीं पाते और नल न होने के कारन पानी भर नहीं सकते जिसके कारन या तो वह पहले से पानी ले के रखते है अगर लम्बा रास्ता है तो प्यासे ही जाना होता हैं यही एक व्यवस्था जिसका सुधर रेलवे जरूर करना चाहिए अगर मौजूदा सरकार जो की खुदको साधु संतो की हितैसी बताते है तो उन्हें इस बात पे जरूर ध्यान देना चाहिए 

खैर आप इसको किस प्रकार से देखते है निचे कमेंट करके जरूर बताये | 

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