BATEY.....

NEHA
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 बातें तो हर कोई समझ लेता है,
 मगर हम वो चाहते है जो हमारी ख़ामोशी को समझे. 
 कुछ नशा तो आपकी बात का है 
 कुछ नशा तो आधी रात का है हमे आप यूँ ही शराबी ना कहिये 
 इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है.
 फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बड़ा दिए वरना,
 सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो  बात है.  

 हर फूल को रात की रानी नही कहते,
 हर किसी से दिल की कहानी नही कहते.

 मेरी आँखों की नमी से समझ लेना,
 हर  बात को हम जुबानी नही कहते
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
 कभी  बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना.

 कितनी अजीब बात है की 
 जब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं,
 और दुसरे गलत होते है तो हम न्याय चाहते हैं .

 तुम दूर हो मुझसे, मैं परेशान नहीं होती,
 पर किसी और के इतना पास हो,
  बात तो यह बर्दाश्त नहीं होती.

 वो खुद पर गरूर करते है,
 तो इसमें हैरत की कोई   बात नहीं,
 जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते.  

 नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार पे,
 अगर में तेरे हि अंदाज मे तुझसे  बात करुं. 
 काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं,
 विश्वास पर चलकर भगवान मिलते हैं,
 एक  बात याद रखना दोस्त,  सुख में सब मिलते है,
 लेकिन दुख में सिर्फ भगवान .मिलते है.  

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