नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ की जांच से अन्य लोगों की भी परेशानी बढ़ सकती है. पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र सिंह के अतीत को खुफिया एजेंसियां खंगालने वाली हैं. शनिवार को देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गृह मंत्रालय को गिरफ्तारी की जानकारी दी और गृह सचिव को कुलगाम मुठभेड़ के बारे में जानकारी दी गई. इस संबंध में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह से बात की गई.
डीएसपी देवेंद्र सिंह के मसले पर विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि अलग-अलग समय में ऐसे निर्लज लोग मिलते हैं. मैं उसको देशद्रोही की श्रेणी में डालता हूं. इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से आए बयान पर वीके सिंह ने हा कि अगर आप इसको छिछोरेपन की तरह उठाने की कोशिश कर रहे हो तो मैं उनसे कहूंगा शर्म करो.
दिक्कत यह है कि रणदीप सुरजेवाला का जब से अस्तित्व खत्म हुआ है वह बचकानी बातें करते हैं. कोंग्रेस के नेताओं को इतनी समझ नहीं है कि आपकी और पाकिस्तान की भाषा एक ही है.
वीके सिंह से सवाल: देवेंद्र सिंह डीएसपी पकड़े गए हैं. आतंकवाद और आतंकवादियों के लड़ाई में एक बाधा?
जवाब: अलग-अलग समय पर, अलग-अलग जगह पर फोर्सेज में ऐसे निर्लज्ज, ऐसे लालची, जो धन के लिए कुछ भी कर सकते हैं. मैं देवेंद्र सिंह को उस कैटेगरी में रखता हूं. जो देशद्रोही है. और मुझे पूरी आशा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस पूरी तहकीकात करेगी. उसके खिलाफ एक्शन लेगी. सख्त से सख्त एक्शन लेगी. लेकिन इससे ज्यादा और कुछ बोलना, जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती, गलत होगा. कहां रहा, क्या रहा, कहां पर खबर दी. अगर आतंकवादियो के साथ मिला हुआ है. बहुत समय से पुलिस के साथ है, तो बहुत जगह उसका हाथ होगा.
वीके सिंह से सवाल: देवेंद्र सिंह और देवेंद्र खान, इस पर सियासत?
जवाब: मुझे कई बार दुख होता है की एक पार्टी, जो अपने आप को बहुत पुरानी पार्टी कहती है, और कहती है कि आजादी की लड़ाई में सबसे आगे थे, तब एक ही पार्टी थी, उनको आज की तारीख में इस तरह से सांप्रदायिकता से भरा वक्तव्य, निकृष्ट पन दिखाता है. जहां तक देशद्रोह का सवाल है. चाहे देवेंद्र के आगे कुछ भी लगा लें, बकायदा पूरा एक्शन होगा. यह अगर आप छिछोरे पन की तरह उठाने की कोशिश करें तो मैं तो कहूंगा कि यह शर्म की बात है
वीके सिंह से सवाल: पुलवामा की बात कर रहे हैं. और संकेत दे रहे है की सियासी फायदा उठाया गया?
जवाब: वह तो पुलवामा जिले का रहने वाला है देवेंद्र सिंह. अगर एक पुलिस अफसर रणदीप सिंह सुरजेवाला आते हैं हरियाणा से ,जो अपने डिस्ट्रिक्ट में था. अगर वहां पर अलग-अलग समय पर राइट हुए, तो क्या उनको भी ब्लेम करोगे? दिक्कत यह है कि जब से उनका अस्तित्व खत्म हो गया है वे सोचते है कि ऐसी उसका बातें बोलते रहो, शायद शीर्ष नेतृत्व पारितोषिक देगा. इनको अच्छी जगह देगा. क्योंकि शायद बात बोलने से ही पद आते हैं.
वीके सिंह से सवाल: पुलवामा हो, 2001 हो, पाकिस्तान भी इस तरह के सवाल उठाते रहा है. क्या पाकिस्तान खुश नहीं होगा?
जवाब: मैं तो कहता हूं ना कि इतनी समझ अगर कांग्रेस के लोग को नहीं है, कि पाकिस्तान की भाषा यही है, जो आप बोल रहे हैं. तो उनकी समझ पर सवाल होता है. यह तो ऐसी बातें हैं जिनको सोचकर ही लगता है कि किस निकृष्ट जगह पर पहुंच गए हैं. मेरे पास शब्द नहीं है. इन पर गुस्सा किया जाए या फिर इनकी निर्लज्जता पर हंसा जाए. बहुत शर्म की बात है.