कोरोना वायरस की तबाही रोकने के लिए सिर्फ 2 घंटे सो रही ये साइंटिस्ट

NEHA
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चीनी अधिकारियों ने कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड जारी किया था. कोड जारी होने के 3 घंटे बाद डॉ. ब्रॉडरिक 

ने वैक्सीन तैयार कर ली.

डॉ. ब्रॉडरिक 20 सालों से वैक्सीन बनाने पर कर रही हैं काम

एक महिला साइंटिस्ट जानलेवा कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए दिन-रात लगातार काम
कर रही है. स्कॉटलैंड की रहने वाली केट ब्रोडरिक कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन का आविष्कार
करने की कोशिश कर रही हैं. द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रोडरिक रातों में सिर्फ 2 घंटे सो रही हैं.
ब्रोडरिक करीब 20 सालों से खतरनाक बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार करने का काम कर रही
 हैं. उन्हें इबोला, जीका जैसी बीमारियों को रोकने के लिए दवा बनाने में सफलता भी मिली है.
डॉ. ब्रॉडरिक ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन पर ये जिम्मेदारी आ गई है कि वह ये काम जल्द पूरा
 करें. वह फिलहाल चूहे और सुअर पर वैक्सीन टेस्ट कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि वह सारी जिंदगी बदलाव लाने के लिए काम करती रही हैं और अब किसी भी शर्त पर
 कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन तैयार करेंगी.
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के साथ काम करने वालीं डॉ. ब्रॉडरिक के पास रिसर्च के लिए
 एक टीम है. उन्होंने कहा कि फिलहाल एक रात में वह औसतन सिर्फ 2 घंटे सो पा रही हैं.   
दो बच्चों की मां डॉ. ब्रॉडरिक ने बताया कि वह छुट्टियां बिता रही थीं तभी उन्हें चीन के वुहान में कोरोना
 वायरस के फैलने की जानकारी मिली. जैसे ही चीनी अधिकारियों ने कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड
जारी किया, डॉ. ब्रॉडरिक ने 3 घंटे के भीतर वैक्सीन तैयार कर ली.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन डिजाइन के अगले ही दिन उसे तैयार करने के लिए फैक्ट्री में भेज दिया गया.
 डॉ. ब्रॉडरिक की टीम को बिल गेट्स समर्थित एक संस्था से फंड भी मिल चुका है.

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