नेहरू की वो अपार गलतियां जिसने बलूचिस्तान को जलने पर मजबूर कर दिया

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नेपाल आज भारतका हिस्सा होता
जवाहरलाल नेहरू की कुछ बड़ी गलतियां 
जिसे देश आज तक भुगत रहा है

1951 में नेपालके तत्कालीन महाराजा ' ञिभुवन ' ने नेहरूसे कहा की वो नेपाल का विलय भारत में करवानेको तैयार है, आप चाहें तो नेपाल भारत का हिस्सा बन सकता हैं, लेकीन दुर्भाग्य से नेहरू ने उनका ऑफर ठुकरा दिया.

( संदर्भ- Rediff News - )

( संदर्भ - The Hindu - )

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बलुचिस्तान आज भारत में होता

1948 में बलुचिस्तानके नवाब ' खान ' ने बलुचिस्तानका भारत में विलय कर लेने की बात नेहरू से कही और अॅसेशन लेटर बिनशर्त नेहरू को भेजा, बदकिस्मतीसे नेहरू ने ये ऑफर ठुकराया. ईसके कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तानने बलुचिस्तान पर जबरदस्ती कब्जा किया.

( संदर्भ- Dailymail England - )

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पाकिस्तानका ग्‍वादर बंदरगाह आज भारतका होता...

ओमान ने 1947 में ग्‍वादर बंदरगाह भारत को लेने की पेशकश की थी लेकिन नेहरूने ईसे इन्कार कर दिया. बादमे ओमान ने ग्‍वादर बंदरगाह पाकिस्‍तान को बेच दिया. आज पाकिस्‍तान ने ग्‍वादर बंदरगाह चिन को दिया है, जहाँसे चीन भारतकी नौदल पर नजर रखता है, हाल ही में पाकिस्‍तान ने भारतीय व्यापारी कुलभुषन जाधव को ग्‍वादर बंदरगाह पर ही पकडा था.

( संदर्भ- Dailyo News - )

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भारत का कोको आइसलैंड चिन के पास गया

1950 में नेहरू ने भारत का कोलकाता से नजदीक ' कोको द्वीप समूह जो अंदमान का हिस्सा है उसे बर्मा को गिफ्ट दे दिया.

बाद में बर्मा ने उसे चीन को दे दिया, जहाँ से आज चीन द्वारा भारतकी मरींन्स पर हेरगीरी होती है. आज गुगल मैप में कोको द्वीप समूह देखने पर चिन का मिलट्री बेस तथा हवाई धावपट्टी साफ दिखती है.

( Google Map location of COCO Iceland - )

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काबू व्हेली भारतसे अलग हो गई

1954 को मणिपुर प्रांत की काबू व्हेली नेहरू ने पार्लमेंट और मणिपुरी लोगों के विरोध के बावजुद बर्मा को गिफ्ट कर दी, यह लगभगा 11000 वर्ग कि.मी बडी और कश्मीर जैसी खूबसरत है, एक समय में 'Jewel of Manipur ' के नामसें काबू व्हेली जानी जाती थी, दुर्भाग्यसे आज हम ईसे गवां चुके हैं.

( संदर्भ - )

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हैदराबाद की जगह आज दक्षिण पाकिस्तान होता.

हैदराबाद के निज़ाम हैदराबाद को पाकिस्तानका हिस्सा बनाना चाहते थे. एक बार नेहरु विदेश गए, सरदार पटेल ने सेना के पोलो मिशन ( हैदराबाद मुक्ती संग्राम ) के तहत हैदराबाद पर चडाई की और 13 सितंबर 1948 को हेदराबाद भारत में मिलाया.

उसी वक्त नेहरु वापस आ रहे थे अगर वो आते तो विलय न होता इसलिए पटेल ने नेहरु के विमान को उतरने न देने का हुक्म दिया, निजाम ने विलय पे हस्ताक्षर किए, उसके बाद नेहरु का विमान उतारा गया. पटेल ने नेहरु को फ़ोन किया और कहा ” हैदराबाद का भारत में विलय ” ये सुनते ही नेहरु ने गुस्से में फ़ोन वही पटक दिया था.

( संदर्भ - )

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आज भारत UN का स्थायी मेंबर होता.

1950 में अमेरिका ने भारत को सुरक्षा परिषद ( United Nations ) में स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने को कहा, लेकिन भारत की बजाय नेहरू ने चीन को UN में लेने की सलाह दे डाली.

अमरिका और रशिया ने 1955 में और एक बार नेहरू को UN में आने की पेशकश की लेकीन बदकिस्मतीसे दुसरी बार भी नेहरु ने उनकी पेशकश ठुकरा दी.

आज चीन भारत के कई प्रस्ताव UN में नामंजूर कर चुका है. हाल ही उसने दहशतगर्द मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का भारतीत प्रस्ताव वीटो कर उसे बचाया है.

( संदर्भ- Washington Post - https )

( संदर्भ - )

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सरकारी विमानोंका दुरुपयोग -

एक बार नेहरू भोपाल दौरे पर थे. राजभवन में यह पता चला कि नेहरू की फेवरेट ब्रांड 555 सिगरेट भोपाल में नहीं मिल रही है. फिर भोपाल से इंदौर एक स्पेशल विमान भेजा गया, इंदौर एयरपोर्ट पर सिगरेट के कुछ पैकेट पहुंचाए गए और विमान सिगरेट के पैकेट लेकर वापस भोपाल लौट आया, इस घटना का जिक्र मप्र राजभवन की वेबसाइट पर है.

( संदर्भ- Dainik Bhaskar - )

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विदेश निती पर भारी मुस्लिम तुष्टिकरन की राजनिती

महान ज्यू सायंटिस्ट आईनस्टाइन ने पंडित नेहरू को एक खत लिखा था जिसमें ज्यु लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र कर ईजरायल के स्वतंत्र देश बनने को सपोर्ट करने को कहा... लेकिन मुस्लिमोंके दबाव में नेहरू ने करीब एक महीने तक खत का जवाब नहीं दिया, फिर जवाब देते हुए नेहरु ने स्वतंत्र ईजरायल को सपोर्ट करनेकी कि मांग को नकार दिया और UN में इजरायल के स्वतंत्र देश बनने के खिलाफ वोटिंग की. ऐसे तुष्टिकरन की राजनिती करके ईजरायल को हमने दुर किया, ईजरायल से मिलट्री तथा कृषी तंञज्ञान पाने के बेहतरीन मौके हमने गवा दिये.

( संदर्भ -Indian Express- )

( संदर्भ- The Guardian - )

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पविञ हिंदू तिर्थस्थान कैलाश मानसरोवर खो देना

1962 में चिन के हाथों मिली पराजय का कारण जानने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित समिति जिसमे लेफ्टिनेंट जनरल हेंडरसन ब्रुक्स और मिलिट्री कमांडर ब्रिगडियर पी. एस. भगत थे उन्होंने भी नेहरु और उनकी कायर नितीयोंको 1962 के युद्ध के हार का जिम्मेदार ठहराया.

युद्ध हार स्वरूप हमारा लगभग 14000 वर्ग किमी भाग चीन ने ले लिया. इसमें कैलाश पर्वत, मानसरोवर और अन्य स्थान आते हैं. नेहरू पर सवाल उठने लगे तब उन्‍होंने जवाब देते हुए कहा था," उस प्रदेश का देश के लिए कोई महत्‍व नहीं है क्‍योंकि वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता ! "

( संदर्भ - Zee News - )

( संदर्भ- Jagran - )

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न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप ( NSG ) का भारत सदस्य होता

भारत की आजादी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने भारत को न्युक्लियर टेस्ट के लिए मदद का प्रस्ताव दिया था. लेकिन प्रधानमंत्री नेहरु ने उस ऑफर को ठुकरा दिया था. यदि भारत ने वह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता तो भारत न्युक्लियर टेस्ट करने वाला पहला एशियाई देश बन जाता. ईसके साथ ही भारत NSG मेंबर आरामसे बन जाता. आज आजादी के 70 साल बाद भी चायना के विरोध के बावजुद हमको दुनिया भर में घूमकर NSG के लिए लॉबिंग करनी पड़ रही है.

( संदर्भ - NDTV - )

( संदर्भ - Zee News - )

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कश्मिर प्राॅब्लेम व धारा 370.

अक्तूबर 1947 को पाकिस्तानी कबाइली सेना कश्मिर में घुस गई, सरदार पटेल ने कश्मिर के महाराजा को मदत के बदले कश्मिर भारत मे विलय करने की शर्त रखकर कश्मिर में भारतीय सेना भेजी गई. जब भारत की सेनाएं पाकिस्तानी सेना को खदेड़ हि रही थीं के नेहरू ने बिचमें रेडियोपर युद्ध विराम घोषित कर सैन्य वापस बुला लिया और रेडियो पर कहा की इसके बाद UN कश्मिर का मुद्दा सुलझाएगा..! ईस हरकत के कारण कश्मीर का एक तिहाई भाग ( POK ) पाकिस्तानी सेना के पास रह गया.

ईसके बाद नेहरू ने संविधान में धारा 370 जुड़ दी, इसमें कश्मीर के लिए अलग संविधान हो गया, जिससे कश्मीर जाने के लिए परमिट की अनिवार्यता हो गई तथा गैर कश्मीर लोगों को कश्मीरमें प्राॅपर्टी खरिदनेपर रोक लग गई.

( संदर्भ- Rediff News - )

( संदर्भ- Frontline - )

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सारे संदर्भ की लिंक :
https://www.dailyo.in/politics/chabahar-gwadar-port-india-pakistan-china-ties-cpec-afghanistan/story/1/11256.html?fbclid=IwAR1j1G9CJxVOYKOy2eixRIFfUYJGP6YoqF_kaepHMecCTZMiwN_-T3PSmZY

https://fas.org/irp/world/china/facilities/coco.htm?fbclid=IwAR0RFBFORUMh3lSDkojU_v4_-x_1IGibGGmn5fnSo94XFAu9yTBfbQ1gJeg

https://www.google.com/maps/place/14%C2%B008'26.3%22N+93%C2%B022'05.8%22E/@14.1318895,93.3886032,13.35z/data=!4m6!3m5!1s0!7e2!8m2!3d14.140641!4d93.368274

http://e-pao.net/epSubPageExtractor.asp?src=news_section.opinions.To_the_President_of_India_on_matter_of_Kabo_Valley&fbclid=IwAR1dc1Z4aHXSa2vhdc-py0OhqXjfpQGT_WoTDI9OC7gntD2rMkZnKF3J1IY

https://www.wilsoncenter.org/publication/not-the-cost-china-india-and-the-united-nations-security-council-1950?fbclid=IwAR3GRHZVGgmUBOxbzDajnoxIL7n-GyoKAR8gWePLA2pq9RhRHV44K08pShY

https://m.rediff.com/news/2001/jun/12inter.htm?fbclid=IwAR11s5UkWh9Dqdli6bJmvjNkH4sUbd5JpzyzI37M_AbNhH4KGnhtGS2uMJ0

https://www.dailymail.co.uk/indiahome/indianews/article-3797114/amp/How-India-Radio-changed-fate-Balochistan.html?fbclid=IwAR1dc1Z4aHXSa2vhdc-py0OhqXjfpQGT_WoTDI9OC7gntD2rMkZnKF3J1IY
Sushil Dubey ji
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