एक टुटा दिल...

NEHA
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मेरे दिल में महशर उठा थी
मैं तुमको अपनी जिंदगी समझी थी
तू मेरी जान था मेरा शान थी
मेरा दिल चमक उठा थी
मैं तेरी हसरत पिरोने चली थी
यह मेरी राजा सुन,मैं तेरी कुर्बत में
तेरी दिल की रंजिश सहने चली थी
तुम मुझे यूं धोका देगा
मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था
दिल मेरा कतरा-कतरा टूट गया
तुमसे यह उम्मीद नहीं की थी
भरोगे कैसी तुम मरहम इस घाव में
यह तो खतरनाक जहरीला सांप था
अब हर रोज मैं मरूंगी हर रोज मैं तड़पूँगी
सोचकर यह कि
उल्फत मेरी प्यार मेरा इतना कमजोर था
पसंद मेरी कीमती चीज़ मेरा इतना नाचीज़ था
सचमुच तेरे लिए मेरी रूह छलक उठा है
मेरी धड़कन बहक उठा है
मेरी आंखें सहम उठा है
जानकर यह की
वह तुम थे क्या सचमुच वह तुम ही थे
अपनी वाली थी मेरी पसंद वाला था
नहीं नहीं यह कैसे हो सकता है
वह कभी मेरा अपना वाला नहीं हो सकता था..।।

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