समय आने पर नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए। तभी उनके गुणों की पहचान होती है।
रावण की सभा में वीर अंगद का आचरण, उनके हाव भाव, उनका बिहेवियर, उनकी बातें आज के युग में #डिप्लोमेसी कहि जाती है।
यूजर Rahul Kumar Chandravanshi ने लिखा,
आज रामायण में देखा कि श्री राम ने अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा,
समय आने पर "युवा यानी वायु" के समान कार्य करने वाली नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए। तभी उनके गुणों की पहचान होती है। कई बार प्रतिभा होने के बाद भी लोगों को मौका नहीं मिल पाता और वे हतोत्साहित हो जाते हैंं।
#Angad lastly tried to change Ravana’s mind but all in vain as Vinash kale vipreet Buddhi #Ramayan #Ramayana #LordRam #JaiSriRam #RamayanOnDDNational pic.twitter.com/zpTapUmrnV— Kusum Sharma (@KusumSharma07) April 12, 2020
Angad not only showed his prowess but also instilled fear in Ravan & his ministers by making an aasan (रावण से भी ऊंचा).— Himanshu Garg (@garg_himanshu__) April 12, 2020
He made sure that Ravan & his comrades never underestimate the power of श्री राम#रामायण ❤️ pic.twitter.com/GRwMXmw3Fx
My man #Angad got no chill. He slayed so hard he took a barstool to #Lanka to rest his booty yo. Vanar got Swagger! Lit af! pic.twitter.com/U90FHJcIO4— KhoobBhalo ♥️🙏 (@CircusOfLives) April 12, 2020
आज रामायण में देखा कि श्री राम ने अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा,— Rahul Kumar Chandravanshi (@Bekhof_RK) April 12, 2020
समय आने पर "युवा यानी वायु" के समान कार्य करने वाली नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए। तभी उनके गुणों की पहचान होती है। कई बार प्रतिभा होने के बाद भी लोगों को मौका नहीं मिल पाता और वे हतोत्साहित हो जाते है।#angad pic.twitter.com/uD4snjrI7z