जामा मस्जिद में 27 मंदिरों को तोड़कर उसका पत्थर और सोना लगाया गया: बाबासाहेब

0

डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इस्लाम पर खुलकर विचार व्यक्त किए हैं । वे लिखते हैं, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत में मुस्लिम आक्रांता हिंदुओं के खिलाफ घृणा का राग गाते हुए आए थे। उन्होंने न केवल घृणा ही फैलाई, बल्कि वापस जाते हुए हिंदू मंदिर भी जलाए। 

उनकी नजर में यह एक नेक काम था और उनके लिए तो इसका परिणाम भी नकारात्मक नहीं था। उन्होंने एक सकारात्मक कार्य किया जिसे उन्होंने इस्लाम के बीज बोने का नाम दिया। इस पौधे का विकास बखूबी हुआ।’’ वे लिखते हैं, ‘‘अजमेर में चढ़ाई के दौरान मोहम्मद गोरी ने मंदिरों के स्तंभ और नींव तोड़कर वहां मस्जिदें बना दीं, वहां इस्लाम के कायदे-कानून वाले कॉलेज और प्रतीक खड़े कर दिए। 

कहा जाता है कि कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1,000 से अधिक मंदिर तोड़े और उसके बाद उनकी नींव पर ही मस्जिदें खड़ी कर दीं। उसने दिल्ली में जामा मस्जिद बनाई और इसमें वह पत्थर और सोना लगाया जो मंदिर तुड़वाकर प्राप्त किया था। फिर उन पर कुरान की आयतें लिपिबद्ध करवा दीं। इस भयावह कारनामे की चर्चा और प्रमाणों का मिलान बताता है कि दिल्ली की जामा मस्जिद के निर्माण में 27 मंदिरों की सामग्री लगी है।’’


रिपोर्ट पांचजन्य की वेबसाइट से
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)