दुनिया में एक से बढ़कर एक महंगे स्कूलों के बारे में तो सुना होगा लेकिन जानते हैं, दुनिया का सबसे महंगा स्कूल कौन सा है? स्विटजरलैंड (Switzerland) के इंस्टीट्यूट ली रोजी (Institut Le Rosey) को सबसे महंगे स्कूल का दर्जा मिला हुआ है, हालांकि हाल ही में अपनी बेटी की बुलीइंग के आरोप में एक भारतीय मूल के खरबपति (Indian original billionaire) ने इसपर मुकदमा कर दिया है.
इंस्टीट्यूट ली रोजी जिसे आमतौर पर ली रोजी कहा जाता है, स्विटजरलैंड का वो बोर्डिंग स्कूल है, जहां सालाना फीस 100,000 डॉलर होती है. साल 1880 में बने इस स्कूल से दुनिया की नामी-गिरामी हस्तियां पढ़कर निकली हैं. हाल ही में करोड़ों की फीस वाले ली रोजी पर भारतीय मूल के खरबपति पेरेंट्स ने मुकदमा कर दिया है. उनका कहना है कि दूसरे स्टूडेंट उनकी बेटी के भारतीय होने का मजाक उड़ाया करते थे, जिसके कारण वो अवसाद में चली गई.
पंकज ओसवाल (Pankaj Oswal) नाम के इस शख्स का आरोप है कि स्कूल में उसकी बेटी को ऊंची क्लास के बच्चों ने परेशान किया. पर्थ में Burrup Holdings Limited नाम की कंपनी चला चुके और काफी विवादित रह चुके पंकज की संपत्ति का मूल्य 1.5 बिलियन पाउंड है. भारत के ही एक निजी संस्थान से पढ़े पंकज का कहना है कि उनकी बेटी को ली रोज स्कूल के दूसरे अमीर बच्चों ने उसके बैकग्राउंड और खासकर उसके भारतीय होने को लेकर मजाक बनाया, जिसकी वजह से बेटी को घबराहट और नींद न आने की समस्या होने लगी थी. उन्होंने इस बारे में स्कूल मैनेजमेंट से कहा भी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. छह सालों से इसी स्कूल में पढ़ रही बेटी की एकाएक ऐसी हालत देखते हुए पेरेंट्स ने उसे स्कूल से निकाल लिया और अब प्राइवेट ट्यूशन दिलवा रहे हैं. पेरेंट्स ने स्विटरजरलैंड के स्कूल से मांग की है कि अब बेटी के स्कूल में न होने के कारण पहले ही वसूली जा चुकी टर्म फीस और प्राइवेट ट्यूशन की कीमत स्कूल चुकाए. इधर डेलीमेल की एक रिपोर्ट के अनुसार स्कूल ने अपने यहां बुलीइंग या भेदभाव की किसी भी घटना से इनकार कर दिया है.
वैसे इस स्कूल के बारे में जानना दिलचस्प होगा जो दुनिया के सबसे महंगे स्कूलों में से एक माना जाता है. स्विटरजरलैंड की राजधानी जिनेवा से लगभग 26 किलोमीटर दूर बसे इस स्कूल के पास अपनी खासी बड़ी संपत्ति है. इसके पास अपने जहाज और रिजॉर्ट हैं, जहां हर साल जनवरी में स्कूल के बच्चे जाते हैं और अगले 3 महीनों तक फन एक्टिविटीज करते हैं. 70 एकड़ में फैले कैंपस का ये स्कूल दुनिया का अकेला स्कूल है जो हर मौसम में अपना कैंपस बदलता है ताकि बच्चों को सूरज की पर्याप्त रोशनी मिल सके. स्कूल का एक कंसर्ट हॉल है, जिसमें 1000 से ज्यादा बच्चे बैठ सकते हैं. साथ ही घुड़दौड़ सीखने के शौकीन बच्चों के लिए घोड़े और मैदान भी है तो शूटिंग सिखाने के लिए यहां पर देश-विदेश के निशानेबाज आते हैं.
अपने नाम की मुहर लगाने के लिए यहां के पढ़नेवालों को स्टूडेंट नहीं कहा जाता, बल्कि रोजियन (Roseans) कहा जाता है. हर क्लास में 5 रोजियन पर 1 टीचर होता है और कभी भी स्टूडेंट-टीचर रेश्यो इससे कम या ज्यादा नहीं होता है. स्कूल की फिलॉसफी अमेरिकन साइकोलॉजिस्ट और शिक्षाविद Howard Gardner के सिद्धांत पर काम करती है. इसके तहत स्कूल में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेल और कल्चरल एक्टिविटी भी बराबरी से होती हैं. यहां का नियम है कि एक देश से 10 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेंट नहीं लिए जाएंगे. फिलहाल यहां 56 देशों से लगभग 400 बच्चे पढ़ रहे हैं.
फ्रेंच और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में पढ़ाए जाने वाले इस स्कूल की एक दिलचस्प बात है, वहां का चॉकलेट ब्रेक. रोज सुबह नाश्ते के बाद वहां शुद्ध स्विस अंदाज में चॉकलेट ब्रेक मिलता है, जिसमें बच्चे दुनिया की बेहतरीन चॉकलेट का स्वाद ले सकते हैं.
ली रोजी स्कूल में दुनिया के खरबपतियों के बच्चे पढ़ते रहे हैं. जैसे अमेरिका के उद्योगपति Rockefeller के परिवार के बच्चे, एक्ट्रेस Elizabeth Taylor के बच्चे और ब्रिटिश सिंगर John Lennon का बेटा. इनसे पहले बहुत से देशों के राजकुमार भी यहां से पढ़कर निकल चुके हैं, जैसे मोनैको के प्रिंस Prince Rainier III, बेल्जियम के प्रिंस, इरान के शाह और आगा खान चतुर्थ. आलीशान और किसी परीकथा जैसे खूबसूरत स्कूल का जिक्र कई सारे उपन्यासों में भी मिलता है, जिनमें से एक चर्चित उपन्यास है American Psycho.