मंत्री ने बोला था बस, इन्‍होंने 'टांग' दिए मीटर, बिजलीघरों और अफसरों के दफ्तरों में खुल्‍लमखुल्‍ला गड़बड़झाला

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सांप भी मर जाए व लाठी भी न टूटे...यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी मगर इसे साबित करने पर तुला है बिजली निगम। बिजली घरों और बिजली अफसरों के दफ्तरों में मीटर लगाने के लिए अधिकारियों ने इसी मुहावरे का इस्तेमाल किया है। उसने इस तरह मीटर लगाए हैं कि पावर कारपोरेशन का आदेश भी पूरा हो जाए व अपनों पर कोई आंच भी न आने पाए।  यानि सिर्फ मीटर टांग दिए गए। उसमें बिजली कनेक्शन दिया ही नहीं। अगर यही काम किसी उपभोक्ता के यहां होता कि मीटर टंगा होता और उसमें कनेक्शन नहीं जुड़ा होता तो बिजली अफसर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा चुके होते। 

दरअसल,लाकडाउन के दौरान पावर कारपोरेशन ने मुख्य अभियंता को निर्देश दिया था कि  बिजली घरों पर व दफ्तरों पर भी मीटर लगाकर बिजली का हिसाब-किताब रखा जाएगा। यह इसलिए जरूरी समझा गया था क्योंकि बिजली अफसरों व बिजली घरों में मुफ्त बिजली इस्तेमाल होती थी। वास्तविक खपत का आकड़ा तैयार कर उसका समायोजन राजस्व में किया जा सके। आंदेश के बाद बिजली निगम के  मीटर अनुभाग ने अभियान चलाकर मीटर लगाए। ‘हिन्दुस्तान’ ने अफसरों के दफ्तरों में लगे मीटरों की हकीकत जानने को बुधवार को पड़ताल की तो सिर्फ टंगे हुए मीटर अफसरों की कारस्तानी की बया करते मिले। आप भी जानिए, किस दफ्तर का क्या रहा हाल...

पड़ताल एक

गोलघर एसडीओ दफ़्तर परिसर में थ्री-फेज बिजली मीटर टंगा मिला। उसमें खम्भें से कनेक्शन भी जुड़ा दिखा। लेकिन मीटर से बिजली इस्तेमाल करने के लिए आउटागोईंग तार नीचे लटकता मिला। दफ्तर के कर्मचारी भी कहने लगे कि परीक्षण खण्ड की लीला अपरम्पार है। थ्री-फेज मीटर भी लगाकर बर्बाद कर दिए। जब मीटर लगा दिए तो दफ़्तर का कनेक्शन भी जोड़ देते।

पड़ताल दो

रुस्तमपुर एसडीओ दफ़्तर परिसर स्थित उपकेन्द्र में लगे मीटर से बिजली इस्तेमाल होती मिली। लेकिन वहीं बगल स्थित रानीबाग उपकेन्द्र में लगे मीटर का आउट गोईंग केबल लटकता दिखा। कर्मचारियों का कहना था कि परीक्षण खण्ड के कर्मचारी मीटर लगा कर चले गए। वे आउटगोईंग तार जोड़ कर नहीं गए। ऐसे में मीटर का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। एसडीओ दफ्तर के बरामदे में लगे थ्री-फेज मीटर का एक फेज इस्तेमाल होता पाया गया। दो फेज वैसे ही हवां में लहराते मिले। बगल स्थित बिल संग्रह केन्द्र पर पुराने कटिया कनेक्शन से बिजली इस्तेमाल होती पाई गई।

पड़ताल तीन

शास्त्री चौक स्थित नगरीय वितरण खण्ड प्रथम के एक्सईएन दफ्तर गेट पर भी थ्री-फेज मीटर लगा मिला। उससे जेई व एक्सईएन दफ्तर को बिजली आपूर्ति होती मिली। परिसर स्थित टाउन हाल उपकेन्द्र  परिसर में कोई  मीटर नहीं लगा है। दफ्तर में लगे पूराने कनेक्शन के तार उसी प्रकार लगे मिले। मसलन अलग-अलग दफ्तरों के लिए अलग-अलग कनेक्शन।

पड़ताल चार

नार्मल उपकेन्द्र के दूसरी मंजिल पर भी थ्री-फेज मीटर लगा है। उसकी इनकमिंग केबल जुटी मिली और आउट गोईंग केबल हवा में लटकती मिली। कर्मचारियों ने बताया कि थ्री-फेज मीटर लगाकर छोड़ दिया गया। यह मीटर उपभोक्ता के वहां इस्तेमाल होता तो विभाग को पैसा मिलता। परीक्षण खण्ड के कर्मचारियों ने मीटर टांग कर छोड़ दिया है। यदि मीटर लगा तो उससे इनकमिंग के साथ ही आउटगोईंग भी होनी चाहिए। परिसर में जेई  व बिलिंग काउण्टर पर पुराने कनेक्शन से बिजली इस्तेमाल होती मिली।

पड़ताल-पांच

लालडिग्गी उपकेन्द्र परिसर में मीटर परीक्षण खण्ड के कर्मचारियों ने बिलिंग काउण्टर के लिए ट्रांसफार्मर पर ही सिंगल फेज मीटर लगा दिया है। कर्मचारियों ने बताया कि बिलिंग काउण्टर पर खर्च होने वाली बिजली के मापन के लिए ही मीटर लगाया गया है। उपकेन्द्र परिसर में बिजली खपत का मापन नहीं होना है।

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बहुत से दफ्तरों में मीटर नहीं लगाया परीक्षण खण्ड ने 
पावर कारपोरेशन के निर्देश पर नगरीय मीटर परीक्षण खण्ड ने उपकेन्द्रों व बिजली दफ्तरों में बिजली मीटर लगाने को अभियान चलाया। दिखावे के लिए मीटर टांग दिए। कनेक्शन जोड़ना तक मुनासिब नहीं समझे। नगरीय क्षेत्र स्थित ग्रामीण वितरण मण्डल के दोनों एसई दफ्तर के साथ ही ग्रामीण वितरण खण्ड के दो एक्सईएन कार्यालय के साथ ही मुख्य अभियंता दफ़्तर में बिजली मीटर अबतक नही लगाया है। इतना ही नहीं मोहद्दीपुर उपकेन्द्र में मीटर लगाने के साथ ही एसडीओ कार्यालय में मीटर नहीं लगाया है। एसडीओ कार्यालय में अब भी कटिया का कनेक्शन ही इस्तेमाल हो रहा है।

नगरीय विद्युत वितरण खण्ड तृ़तीय के दफ़्तर में भी मीटर लगा है, लेकिन उससे बिजली खपत की गणना नहीं हो रही है। एसडीओ परीक्षण ख्ण्ड के दफ्तर में मीटर से बिजली इस्तेमाल हो रही है।  उधर, परीक्षण खण्ड के जूनियर मीटर टेस्टरों का कहना है कि इनकमिंग केबल तो हमें मिल गई थी। लेकिन मीटर की आउटगोईंग केबल नहीं मिली। जिम्मेदारों ने कटा उट कहा लगेंगा यह भी नहीं बताया।

मीटर परीक्षण खण्ड ने मीटर लगाने में लापरवाही की है। मामला संज्ञान में आया है। कारण बताओं नोटिस भेजकर एक्सईएन से पूछा जाएगा। जब मीटर लगा दिए तो उसकी इनकमिंग व आउटगोईंग केबल जोड़ने क्या दिकक्त आ गई?
ई. यूसी वर्मा ,एसई नगरीय वितरण मण्डल
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